वादा साथ निभाने का

#प्रोमिस डे स्पेशल 

       वादा साथ निभाने का 

आओ करें हम इक वादा साथ निभाने का,
सारे-गिले शिकवे को आज़ से भूलाने का।
       नफ़रत के सारे फूल तोड़,
       प्रेम का पुष्प खिलाने का।
       रिस्ते बने हैं जो छत्तीस के,
       फिर से तिरसठ बनाने का।
आओ करें हम इक वादा साथ निभाने का,
सारे-गिले शिकवे को आज़ से भूलाने का।
       विरान हुई घर की बगिया,
       एक दूजे़ को नीचे दिखाने में।
       द्वेष भाव से ग्रसित हैं मन,
       हम ले पीड़ा उसे हटाने का।
बंट गया है जो आज़ जन - जन में परिवार,
करें हम वादा उसे फिर से संयुक्त बनाने का।
       आए हैं जो रिश्तों में दरार ,
       कोशिश करें उसे मिटाने का।
       ज़ख़्म  जो  दिए  हैं  गहरे,
        उस पर मरज़ लगाने का।।
आओ करें हम इक वादा साथ निभाने का,
सारे-गिले शिकवे को आज़ से भूलाने का।

कुन्दन बहरदार
पूर्णिया, बिहार
11-02-2020

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