माँ /Maa

माँ तुम कितनी प्यारी हो,
जग में सबसे न्यारी हो।।
रोज सवेरे उठ जाती हो,
काम सभी कर जाती हो।।
खुद भूखे रहकर के तुम,
पहले बच्चों को खिलाती हो।
सभी दुःख दर्द को सह कर तुम ,
सदा फूलों सी मुस्कुराती हो।।
सहनशीलता की मिसाल बनकर,
अपनों बच्चों को पालती हो ।।
सभी देवियों में से तुम ,
शाश्वत रूप अवतारी हो।।
माँ तुम कितनी प्यारी हो,
जग में सबसे न्यारी हो।।

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